पानी की पर्याप्त मात्रा आपके पाचन तंत्र को सही रखने में सहायक सिद्ध होती है। जल की कमी से आंतों का कार्य धीमा पड़ सकता है, जिससे अतिक्रमण की समस्या उत्पन्न हो सकती है। हाइड्रेशन उचित बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम 8 गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें।
अगर आपको सादे पानी का स्वाद नापसंद है, तो आप उसमें नींबू या पुदीना मिला सकते हैं। इससे आपका स्वाद भी बदलेगा और पानी की मात्रा में भी सुधार होगा। इसके अलावा, ताजे फल और तरल पदार्थों से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना भी फायदेमंद होता है।
कैफीन वाली और शक्कर युक्त पेयों का सेवन कम करें क्योंकि वे शरीर को पानी सोखने से रोक सकते हैं। अपने दिन की शुरुआत पानी की एक गिलास से करें, यह आपकी दिनचर्या को नयी ताजगी देगा और मोटिवेशन भी प्रदान करेगा।
तनाव के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए ध्यान और विश्राम अपरिहार्य होते हैं। पाचन तंत्र पर तनाव का गहरा प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए मानसिक शांति बेहद अहम है। सप्ताह में कुछ घंटे अकेले बैठें और शांत संगीत सुनें या ध्यान करें।
आराम के लिए समय निकालना न भूलें। सप्ताहांत की योजना में प्राकृतिक स्थलों की सैर शामिल करें या परिवार के साथ समय बिताएं, जिससे मानसिक रूप से तरोताजा महसूस करेंगे।
टेबल से हटकर दस मिनट की नींद भी तनाव को कम करने का उत्तम उपाय साबित हो सकता है। अपनी पसंद की किताब पढ़ें या प्रकृति की सुंदरता का आनंद लें, जिससे मन शांत रहता है।